आस्था ही नहीं, व्यापार भी महाकुंभ है: 45 दिन में 2 लाख करोड़ का कारोबार, सरकार इतनी कमाई करेगी

सोमवार को पौष पूर्णिमा पर प्रयागराज महाकुंभ के पहले स्नान पर्व पर संगम तट पर भारी भीड़ उमड़ पड़ी। पहले दिन संगम में लगभग 1.65 करोड़ लोगों ने डुबकी लगाई।

 

आस्था ही नहीं, व्यापार भी महाकुंभ है: 45 दिन में 2 लाख करोड़ का कारोबार, सरकार इतनी कमाई करेगी

सोमवार को पौष पूर्णिमा पर प्रयागराज महाकुंभ के पहले स्नान पर्व पर संगम तट पर भारी भीड़ उमड़ पड़ी। पहले दिन संगम में लगभग 1.65 करोड़ लोगों ने डुबकी लगाई। 26 फरवरी को प्रयागराज में 45 दिनों तक चलने वाले महाकुंभ में लगभग 40 करोड़ लोगों ने डुबकी लगाने की उम्मीद है। वैसे तो कुंभ विश्व भर से आस्था का संगम है, लेकिन इस बार यह व्यापार भी होगा। इसका कारण यह है कि इस बार के कुंभ में रिकॉर्ड 2 लाख करोड़ रुपये का कारोबार होने की उम्मीद है। कुंभ से सरकार को लगभग 25 हजार करोड़ रुपये का राजस्व भी मिलेगा। जानें कुंभ कैसे आस्था के साथ व्यापार का संगम बन गया है।

2 लाख करोड़ रुपये से अधिक का कारोबार होने की उम्मीद है

CAIT का अनुमान है कि इस महाकुंभ में 2 लाख करोड़ रुपये से अधिक का कारोबार होगा।

महाकुंभ 2025 के महत्वपूर्ण आंकड़े

घर और पर्यटन: स्थानीय होटलों, धर्मशालाओं और अस्थायी होटलों में 40,000 करोड़ रुपये का कारोबार हो सकता है।

 

खाद्य पदार्थ और पेय पदार्थ: 20,000 करोड़ रुपये का व्यापार पानी, बिस्कुट, जूस और पैकेज्ड खाद्य पदार्थों में होगा।

 

पूजा सामग्री और सामग्री: तेल, दीये, गंगा जल, मूर्तियां, अगरबत्ती, धार्मिक पुस्तकें और अन्य उत्पादों की बिक्री से 20,000 करोड़ रुपये का कारोबार होगा।

 

परिवहन और सामान: स्थानीय और विदेशी माल ढुलाई, टैक्सी सेवाओं से ₹10,000 करोड़ का कारोबार होगा।

 

पर्यटन उपकरण: टूर गाइड, ट्रैवल पैकेज और पर्यटक सेवाओं से अनुमानित ₹10,000 करोड़ का कारोबार होगा।

 

कलाकृतियों और स्मृति चिन्ह: स्थानीय वस्त्रों, आभूषणों और स्मृति चिन्हों से ₹5,000 करोड़ की आय

 

स्वास्थ्य सेवाएँ: आयुर्वेदिक उत्पादों, अस्थायी चिकित्सा शिविरों

राज्य सरकार की आय 25,000 करोड़ रुपये है

राज्य के अधिकारियों और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का अनुमान है कि महाकुंभ 2025 से सरकारी राजस्व में 25,000 करोड़ रुपये की वृद्धि और 2 ट्रिलियन रुपये का आर्थिक लाभ ला सकता है। स्थानीय स्वयं सहायता समूहों, कारीगरों, होटल व्यवसायियों, रेस्तरां संचालकों और खाद्य विक्रेताओं से उम्मीद है कि इस आयोजन से बड़ी रकम मिलेगी। डाबर, मदर डेयरी और आईटीसी जैसे बड़े ब्रांडों द्वारा इस महाकुंभ में 3,000 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। केंद्र सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार ने महाकुंभ पर लगभग 6900 करोड़ रुपये खर्च किए हैं।

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