GST: होटल इंडस्ट्री और कई उपभोक्ता संगठनों की यह मांग है कि: भोजन (Food) और पेय पदार्थों पर लगने वाली GST दरों को होटल के कमरे के किराए से अलग किया जाए।
अभी कई बार ऐसा होता है कि अगर कोई होटल में ठहरता है और वहीं का रेस्टोरेंट यूज़ करता है, तो उसका बिल एक साथ जुड़ जाता है, और इसपर कुल मिलाकर ज्यादा GST लगती है।
अगर GST अलग हो तो क्या फायदा होगा?
कम कुल टैक्स देना पड़ेगा:
जैसे अगर रूम पर 18% GST है और खाने पर 5%, तो दोनों को जोड़ने से कुल टैक्स ज्यादा हो सकता है।
स्पष्टता बढ़ेगी:
ग्राहक को पता होगा कि वह रूम के लिए कितना और खाने के लिए कितना टैक्स दे रहा है।
सही इनवॉइसिंग:
बिजनेस ट्रैवल करने वालों के लिए टैक्स क्लेम करना आसान होगा।
यात्रियों को होगी सीधी बचत:
खासकर मिड-बजट और हाई-बजट होटल्स में जहां खाने और कमरे दोनों पर ज्यादा खर्च होता है।
फिलहाल क्या स्थिति है?
अगर रूम रेंट ₹7,500 से ऊपर है, तो GST 18% लगता है।
खाने-पीने की चीज़ों पर अलग-अलग GST रेट हैं:
नॉन-AC रेस्टोरेंट: 5%
AC रेस्टोरेंट: 18%
Takeaway/Delivery: 5%
लेकिन जब होटल का रेस्टोरेंट या इन-रूम डाइनिंग शामिल होता है, तो टैक्स की गणना जटिल हो जाती है।
क्या सरकार कोई बदलाव करेगी?
GST काउंसिल से इस पर विचार करने की मांग की जा रही है। अगर सरकार इस दिशा में कदम उठाती है, तो यह होटल इंडस्ट्री और ग्राहकों दोनों के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है।
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