भोजन, वस्त्र और मकान जीवन के बहुत महत्वपूर्ण अंग हैं। इन तीन चीजों का महत्व समझना बहुत जरूरी है। 16 अक्टूबर यानी विश्व खाद्य दिवस न केवल दुनिया को भोजन का महत्व बताने के लिए बल्कि खाद्य सुरक्षा और भूख से संबंधित मुद्दों के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए भी मनाया जाता है। विश्व में बढ़ती जनसंख्या से भुखमरी की सम्भावना बढ़ती जा रही है। आइए जानते हैं विश्व खाद्य दिवस के इतिहास के बारे में।
विश्व खाद्य दिवस का इतिहास
खाद्य एवं कृषि संगठन ने 1945 में विश्व खाद्य दिवस की स्थापना की थी। हालाँकि, यह दिन 2014 से मनाया जाने लगा। पिछले कुछ वर्षों में विश्व खाद्य दिवस पर खाद्य सुरक्षा और कृषि के विभिन्न पहलुओं पर ध्यान केंद्रित किया गया है। कुल मिलाकर इस दिन लोगों के बीच स्वस्थ खान-पान के प्रति जागरुकता फैलाई जाती है।
2024 की थीम क्या है?
क्या आप विश्व खाद्य दिवस 2024 की थीम जानते हैं? इस वर्ष विश्व खाद्य दिवस की थीम बेहतर जीवन और बेहतर भविष्य के लिए भोजन का अधिकार है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि हर साल इस दिन के लिए अलग-अलग थीम की घोषणा की जाती है. पिछले साल की थीम की बात करें तो विश्व खाद्य दिवस 2023 की थीम थी “जल ही जीवन है, जल ही भोजन है, किसी को पीछे न छोड़ें”।
भोजन के महत्व को समझना जरूरी है
किसी भी व्यक्ति या किसी भी जीवित प्राणी को स्वस्थ रखने के लिए भोजन बहुत महत्वपूर्ण है। इसीलिए अक्सर बड़े-बुजुर्ग कहते हैं कि किसी भी कीमत पर खाना बर्बाद नहीं करना चाहिए। भोजन से शरीर को ऊर्जा मिलती है, मांसपेशियां दुरुस्त होती हैं और घाव ठीक होते हैं। अपने शारीरिक स्वास्थ्य और मानसिक स्वास्थ्य को मजबूत बनाए रखने के लिए स्वस्थ भोजन खाना महत्वपूर्ण है।
विश्व खाद्य दिवस क्यों मनाया जाता है?
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