‘अब समय आ गया है…’, तिरुपती लड्डू विवाद पर सद्गुरु जग्गी वासुदेव ने कही ये बात

प्रसिद्ध तिरुपति वेंकटेश्वर मंदिर के लड्डू प्रसादम विवाद पर हंगामा मचा हुआ है। विवाद के बीच आध्यात्मिक गुरु और ईशा फाउंडेशन के संस्थापक सद्गुरु जग्गी वासुदेव की प्रतिक्रिया सामने आई है।

LIVE INDIA NEWS
4 Min Read
छवि स्रोत : पीटीआई
आध्यात्मिक गुरु सद्गुरु जग्गी वासुदेव

 

प्रसिद्ध तिरुपति वेंकटेश्वर मंदिर के लड्डू प्रसादम विवाद पर हंगामा मचा हुआ है। विवाद के बीच आध्यात्मिक गुरु और ईशा फाउंडेशन के संस्थापक सद्गुरु जग्गी वासुदेव की प्रतिक्रिया सामने आई है। उन्होंने कहा कि मंदिर के प्रसादम में गोमांस की चर्बी मिलना बेहद घृणित है। उन्होंने कहा कि मंदिरों को भक्तों द्वारा चलाया जाना चाहिए, न कि सरकार और प्रशासन द्वारा। उन्होंने कहा कि जहां भक्ति नहीं होगी, वहां पवित्रता नहीं होगी।

सद्गुरु ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा, “मंदिरों में श्रद्धालुओं द्वारा प्रसाद में गोमांस का सेवन अत्यंत घृणित है। इसीलिए मंदिरों को श्रद्धालुओं द्वारा चलाया जाना चाहिए, न कि सरकारी प्रशासन द्वारा। जहां भक्ति नहीं है, वहां पवित्रता नहीं है। अब समय आ गया है कि हिंदू मंदिरों को सरकारी प्रशासन द्वारा नहीं, बल्कि धर्मनिष्ठ हिंदुओं द्वारा चलाया जाना चाहिए।”

श्री श्री रविशंकर ने भी जताई नाराजगी

आध्यात्मिक गुरु और आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक श्री श्री रविशंकर ने भी तिरुपति लड्डू विवाद पर बयान दिया। उन्होंने कहा कि हमने इतिहास की किताबों में पढ़ा है कि 1857 में सिपाही विद्रोह कैसे हुआ था। और अब हम देखते हैं कि इस लड्डू से हिंदुओं की भावनाओं को कितनी ठेस पहुंची है। यह ऐसी चीज है जिसे माफ नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि यह दुर्भावनापूर्ण है और जो लोग इस प्रक्रिया में शामिल हैं, उनके लालच की पराकाष्ठा है, इसलिए उन्हें कड़ी सजा मिलनी चाहिए। उनकी सारी संपत्ति जब्त कर ली जानी चाहिए और उन्हें जेल में डाल दिया जाना चाहिए। जो भी इस प्रक्रिया में दूर-दूर तक शामिल है। हमें सिर्फ लड्डू ही नहीं बल्कि हर खाद्य उत्पाद की जांच करने की जरूरत है।

श्री श्री रविशंकर ने आगे कहा, बाजार में मिलने वाले घी के बारे में क्या? क्या कोई यह जांचता है कि उसमें क्या डाला जा रहा है? जो लोग खाने में मिलावट करते हैं और उसे शाकाहारी बताते हैं और उसमें किसी भी तरह की मांसाहारी सामग्री डालते हैं, उन्हें बहुत कड़ी सज़ा मिलनी चाहिए। मंदिर प्रबंधन के लिए हमें यह देखने की ज़रूरत है कि यह संतों, स्वामियों और आध्यात्मिक गुरुओं की देखरेख में हो। हमें आध्यात्मिक गुरुओं की एक समिति बनाने की ज़रूरत है, उत्तर और दक्षिण दोनों को इसकी देखरेख करनी चाहिए। सरकार से भी एक व्यक्ति होना चाहिए, लेकिन उसे एक छोटी सी भूमिका निभानी होगी। लेकिन बड़े फैसले, निगरानी और सब कुछ एसजीपीसी जैसे धार्मिक बोर्ड, मुस्लिम निकाय, ईसाई निकाय द्वारा किया जाना चाहिए।

अब समय आ गया है…’, तिरुपती लड्डू विवाद पर सद्गुरु जग्गी

यह भी पढ़ें-

‘केंद्र सरकार मणिपुर को अफगानिस्तान जैसा क्यों बनने दे रही है’, कांग्रेस सांसद ने उठाए सवाल

क्या 2025 का विधानसभा चुनाव नीतीश कुमार के साथ लड़ेगी LJP? पार्टी ने कहा- हमारा स्ट्राइक रेट 100 फीसदी

भारत समाचार

Source link


Discover more from LIVE INDIA NEWS

Subscribe to get the latest posts sent to your email.

Share This Article
Leave a Comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Discover more from LIVE INDIA NEWS

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading

Exit mobile version