Google Play Store में जल्द ही बड़ा बदलाव देखने को मिलने वाला है। 1 सितंबर से Google Play Store से हजारों ऐप्स गायब हो सकते हैं, जिसका असर दुनियाभर के लाखों Android यूजर्स पर पड़ेगा। Google ने यह फैसला नए क्वालिटी कंट्रोल को ध्यान में रखते हुए लिया है। टेक कंपनी का कहना है कि मैलवेयर वाले थर्ड पार्टी ऐप्स पर नए प्रतिबंध लगाए जाएंगे, ताकि APK को थर्ड पार्टी स्टोर पर अपलोड न किया जा सके। मार्केटिंग और यूजर एक्सपीरियंस को लेकर Google की ओर से उठाया गया यह अब तक का बड़ा कदम है।
इस वजह से लिया गया फैसला
दरअसल, गूगल ने यह बड़ा फैसला एक क्रिप्टो ऐप की वजह से लिया है, जिसमें एक महिला ने दावा किया था कि उसने प्ले स्टोर से एक क्रिप्टो ऐप डाउनलोड किया था, जिसके बाद स्कैमर्स ने उसके साथ धोखाधड़ी की। इसके बाद गूगल ने अपने प्ले स्टोर के नियमों में बड़ा बदलाव करने का ऐलान किया है। अब प्ले स्टोर से किसी भी ऐप का APK किसी भी थर्ड पार्टी ऐप स्टोर पर अपलोड करने पर रोक लग जाएगी।
प्ले स्टोर पर पहले भी उठ चुके हैं सवाल
हालांकि, यह पहला मामला नहीं है जब गूगल प्ले स्टोर पर सवाल उठे हैं। इससे पहले भी मेटा समेत कई टेक कंपनियां और सुरक्षा एजेंसियां एंड्रॉयड की सुरक्षा पर सवाल उठा चुकी हैं। समय-समय पर गूगल प्ले स्टोर से कई खतरनाक ऐप्स हटाए गए हैं, जिनमें मैलवेयर पाए गए हैं। हैकर्स ने प्ले स्टोर पर मौजूद कई ऐप्स के जरिए डेटा माइनिंग के जरिए यूजर्स की निजी जानकारी चुराकर धोखाधड़ी की है।
स्विट्जरलैंड की EPFL ने भी गूगल के एंड्रॉयड सिस्टम को लेकर 31 गंभीर सुरक्षा चेतावनियां जारी की थीं। हालांकि, गूगल हमेशा दावा करता है कि उसकी टीम समय-समय पर ऐसे ऐप्स को प्ले स्टोर से हटाती रहती है। अब गूगल ने एंड्रॉयड यूजर्स की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए प्ले स्टोर में यह बड़ा बदलाव करने का फैसला किया है। गूगल के इस फैसले से यूजर्स की निजी जानकारी थर्ड पार्टी तक नहीं पहुंच पाएगी।
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