पटना, जुलाई 2025: चुनाव आयोग ने दावा किया है कि बिहार में मतदाता सूची के अद्यतन कार्य के तहत अब तक राज्य के 1.5 करोड़ घरों में बूथ लेवल ऑफिसर्स (बीएलओ) ने दस्तक दी है। आयोग के मुताबिक, इस प्रक्रिया में कुल 87 प्रतिशत योग्य मतदाताओं को नामांकन (फॉर्म-6) उपलब्ध कराए जा चुके हैं।
यह अभियान मतदाता सूची को अद्यतन करने और आगामी चुनावों की तैयारियों के तहत चलाया जा रहा है। चुनाव आयोग के अधिकारियों के अनुसार, यह कार्य राज्य भर में चरणबद्ध तरीके से किया जा रहा है ताकि कोई भी योग्य नागरिक अपने मताधिकार से वंचित न रह जाए।
चुनाव आयोग के क्षेत्रीय अधिकारी श्री अरुण कुमार ने प्रेस वार्ता में बताया, “हमारा लक्ष्य 100 प्रतिशत कवरेज का है। अब तक मिली रिपोर्टों के अनुसार 87 फीसदी मतदाताओं को नामांकन फॉर्म मिल चुके हैं और शेष क्षेत्रों में बीएलओ लगातार कार्य कर रहे हैं।”
बीएलओ की भूमिका इस प्रक्रिया में अत्यंत महत्वपूर्ण है। वे घर-घर जाकर न केवल मतदाताओं को फॉर्म वितरित कर रहे हैं, बल्कि आवश्यक जानकारी भी एकत्रित कर रहे हैं, जैसे कि नए मतदाताओं का पंजीकरण, मृत या स्थानांतरित मतदाताओं के नाम हटाना आदि।
अधिकारियों के अनुसार, जिन मतदाताओं को अब तक फॉर्म नहीं मिल पाए हैं, वे राष्ट्रीय मतदाता सेवा पोर्टल या संबंधित बीएलओ से संपर्क कर सकते हैं। इसके अलावा, मोबाइल एप और अन्य डिजिटल माध्यमों के ज़रिए भी पंजीकरण की सुविधा दी जा रही है।
राजनीतिक प्रतिक्रियाएँ
इस कवरेज को लेकर विभिन्न राजनीतिक दलों ने अलग-अलग प्रतिक्रिया दी है। कुछ ने इसकी सराहना करते हुए कहा कि यह पारदर्शी चुनाव की दिशा में एक सकारात्मक कदम है, वहीं कुछ विपक्षी नेताओं ने यह सवाल उठाया कि क्या यह आंकड़े जमीनी हकीकत को दर्शाते हैं या सिर्फ कागज़ी दावे हैं।
निष्कर्ष:
चुनाव आयोग की यह कवायद राज्य में मतदाता जागरूकता और भागीदारी बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल मानी जा रही है। आगामी विधानसभा और लोकसभा चुनावों को देखते हुए यह सुनिश्चित करना कि प्रत्येक पात्र मतदाता सूची में शामिल हो, लोकतंत्र की मजबूती के लिए आवश्यक है।
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