FBI ने करोड़ों स्मार्टफोन यूजर्स को चेतावनी दी कि अगर वे इन ऐप्स को अपने फोन में इंस्टॉल करेंगे, तो उनके बैंक अकाउंट खाली हो जाएंगे।
स्मार्टफोन यूजर्स को एक चेतावनी दी गई है। कुछ ऐप्स उपयोगकर्ताओं को डाउनलोड करने से प्रतिबंधित हैं। ये ऐप्स आपके स्मार्टफोन से निजी जानकारी चुराकर हैकर्स तक पहुंचा सकते हैं, जिससे आपको बड़ी धोखाधड़ी का सामना करना पड़ सकता है। यह चेतावनी आईफोन और एंड्रॉइड यूजर्स के लिए जारी की गई है। ये ऐप्स समान दिखते हैं, लेकिन डाउनलोड करने के बाद वे आपके डिवाइस से आवश्यक अनुमति मांगते हैं और आपके फोन से निजी जानकारी चुराते हैं।
FBI की चेतावनी
FBI (US FBI) ने यह चेतावनी यूजर्स को दी है। हाल ही में 18 जनवरी को फेडरल ब्यूरो ने चेतावनी दी कि इसकी वजह से कई यूजर्स के बैंक अकाउंट से धन चोरी हो गया है। एफडीए ने चेतावनी दी कि, हालांकि Google और Apple ने अपनी ऐप नीतियों को काफी बदल दिया है, यूजर्स को कुछ ऐप डाउनलोड नहीं करने चाहिए। एफबीआई ने इन उपकरणों को फैंटम हैकर कहा है। इन ऐप्स के माध्यम से चोर डिवाइस में चोट कर रहे हैं।
यूजर्स की जानकारी चुराने के बाद, हैकर्स उन्हें बैंक कर्मचारी बताते हैं और उनके अकाउंट पर हमला करने की कोशिश की है। ऐसे में, ग्राहकों को अपने अकाउंट से पैसे सुरक्षित स्थान पर स्थानांतरित करना चाहिए। यूजर्स जल्दबाजी में स्कैमर्स के जाल में फंस जाते हैं और पैसे अपने अकाउंट में ट्रांसफर कर लेते हैं। इतना ही नहीं, स्कैमर्स टेक्निकल सपोर्ट का दावा करते हैं।
इन एप्लिकेशन को डाउनलोड नहीं करें
रक्षा एजेंसी ने कहा कि व्हाट्सएप या एसएमएस के माध्यम से भेजे गए लिंक से अपने फोन पर कोई ऐप नहीं डाउनलोड करें।
किसी भी एपीके या ई-मेल फाइल के माध्यम से अपने स्मार्टफोन पर ऐप डाउनलोड न करें।
थर्ड पार्टी ऐप नहीं डाउनलोड करें।
कभी भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से रीडायरेक्ट किए गए लिंकों से कोई ऐप डाउनलोड नहीं करें।
कैसे बचें?
किसी ऐप को अपने फोन पर इंस्टॉल करने से पहले हमेशा उसकी प्रामाणिकता की जांच करें, जो कई उपयोगकर्ता नहीं करते हैं। इसके लिए ऐप के डेवलपर के बारे में पूरी जानकारी हासिल कर लें। ऐप इंस्टॉल करने से पहले यूजर्स द्वारा दी गई रेटिंग और फीडबैक भी जांच लें।
बैंकिंग या किसी भी तरह के फाइनेंसिंग ऐप को उस बैंक की आधिकारिक वेबसाइट पर दिए गए क्यूआर कोड को स्कैन करके ही डाउनलोड करें। कई बार स्कैमर्स गूगल और एप्पल के ऐप स्टोर पर असली ऐप से मिलते-जुलते ऐप अपलोड कर देते हैं। यूजर्स जाने-अनजाने में इन्हें डाउनलोड कर लेते हैं और अपनी निजी जानकारी हैकर्स के साथ शेयर कर देते हैं।
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