Gold Card’ Visa: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक नई “गोल्ड कार्ड” योजना की घोषणा की, जिसमें $5 मिलियन (लगभग 41 करोड़ रुपये) का निवेश करने वाले धनी विदेशी नागरिकों को अमेरिका में रहने, काम करने और अंततः स्थायी नागरिकता प्राप्त करने का अवसर मिलेगा। यह पहल मुख्य रूप से उच्च-स्तरीय विदेशी नागरिकों, जैसे रूसी उद्योगपतियों, को आकर्षित करने के लिए बनाया गया है। यह योजना सुनिश्चित करने के लिए, आवेदकों की संपत्ति और पृष्ठभूमि दोनों की गहन जांच की जाएगी। यह ‘गोल्ड कार्ड’ वर्तमान EB-5 निवेशक वीजा कार्यक्रम की जगह लेगा, जो धोखाधड़ी की आशंका के कारण आलोचना का सामना कर रहा है। नया कार्यक्रम केवल आवेदकों के लिए की संपत्ति पर ध्यान केंद्रित करेगा
जबकि EB-5 कार्यक्रम में अमेरिकी श्रमिकों के लिए रोजगार सृजन और आर्थिक रूप से पिछड़े क्षेत्रों में निवेश की आवश्यकता थी, आवेदक की संपत्ति पर ध्यान केंद्रित करेगा। ट्रंप के परिवार और सहयोगियों से जुड़े व्यवसायों को पहले EB-5 कार्यक्रम से वित्तपोषण मिला था, इसलिए इस घोषणा ने नैतिक चिंता पैदा की है।
साथ ही, ट्रंप प्रशासन ने 17 जनवरी 2025 से H-1B वीजा कार्यक्रम में बड़े बदलाव भी किए हैं। इन बदलावों का लक्ष्य आवेदन प्रक्रिया को आसान बनाना, नियोक्ताओं को प्रतिभाशाली कर्मचारियों को रखने में अधिक स्वतंत्रता देना और वीजा कार्यक्रम की निगरानी को मजबूत करना है। नए नियमों के अनुसार, H-1B वीजा धारकों को अपने देश वापस लौटे बिना वीजा नवीनीकरण की अनुमति मिलेगी
इससे अमेरिका में रह रहे भारतीय तकनीकी पेशेवरों को बहुत राहत मिलेगी।
ट्रंप सरकार की इन नई नीतियों का लक्ष्य अमेरिकी अर्थव्यवस्था को मजबूत करना है और प्रतिभाशाली कर्मचारियों को आकर्षित करना है।
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